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जापान में 17 वर्षों की सबसे बड़ी ब्याज दर वृद्धि: अर्थव्यवस्था को नई दिशा! | Japan Interest Rate

जापान के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में वृद्धि: आर्थिक प्रभाव और विश्लेषण

जापान के केंद्रीय बैंक (बैंक ऑफ जापान) ने हाल ही में अपनी मुख्य ब्याज दर को 0.25% से बढ़ाकर 0.5% कर दिया है, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है। यह कदम देश और वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण में स्थिरता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। बैंक ऑफ जापान के गवर्नर काज़ुओ ऊएदा ने इस बदलाव को अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए आवश्यक बताया है।

ब्याज दर वृद्धि का कारण

बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में यह बढ़ोत्तरी उस समय की है, जब जापान में आय में वृद्धि और मुद्रास्फीति के स्तर में स्थिरता दर्ज की जा रही है। काज़ुओ ऊएदा ने इस फैसले के पीछे का कारण बताते हुए कहा, “अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पुनर्जीवित हो रही है। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो भविष्य में और वृद्धि की भी आवश्यकता हो सकती है।”

रिपोर्ट के अनुसार, जापान की वार्षिक मुद्रास्फीति दर हाल ही में 2% की लक्ष्य सीमा पर स्थिर हुई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, जिसमें खाद्य उत्पाद शामिल नहीं हैं, दिसंबर 2024 के महीने में 3% की वृद्धि तक पहुंच गया। इसके अतिरिक्त, जापान में श्रमिकों की मजदूरी में सुधार देखा गया है, जिससे जापानी नागरिकों के खर्च और खपत में वृद्धि दर्ज की जा रही है।

ऐतिहासिक संदर्भ

यह कदम ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद से जापान की सबसे ऊंची ब्याज दर है। 2023 में, गवर्नर ऊएदा ने अपने पूर्ववर्ती के नकारात्मक ब्याज दर नीति को त्यागते हुए धीरे-धीरे ब्याज दरों में सुधार की प्रक्रिया शुरू की थी। मार्च 2024 में 0.25% की दर लागू की गई और अब जनवरी 2025 में यह 0.5% तक बढ़ गई।

आर्थिक प्रभाव

ब्याज दर बढ़ने के साथ जापान की मुद्रा येन में मजबूती आई है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले येन की विनिमय दर में 0.5% की वृद्धि हुई और यह 155.32 येन प्रति डॉलर पर पहुंचा। इसके अलावा, जापानी सरकारी बॉन्ड की दो वर्षीय यील्ड 0.705% तक बढ़ गई, जो कि अक्टूबर 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।

हालांकि, शेयर बाजार ने इस निर्णय पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। ऐलान के तुरंत बाद शेयर के मूल्य गिरे लेकिन दिन के अंत तक निक्केई 225 सूचकांक में स्थिरता आ गई। गवर्नर ऊएदा ने इसे एक संकेत के रूप में देखा कि बाजार इस नीति परिवर्तन के अनुकूल हो रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय और दीर्घकालिक प्रभाव

जापान की इस नीति का वैश्विक बाजारों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। जहां अमेरिका और यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने लगातार ब्याज दरों में कटौती का रुख अपनाया है, जापान का यह कदम वैश्विक आर्थिक नीतियों में एक अलग दृष्टिकोण पेश कर रहा है।

विश्लेषकों का मानना है कि जापान की सख्त आव्रजन नीतियों और श्रम की कमी ने मजदूरी में वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल बनाया है, जिसके कारण यह नीति परिवर्तन संभव हुआ। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में स्थिरता और अमेरिका के वर्तमान नीतिगत रुझान भी जापानी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।

काज़ुओ ऊएदा ने ज़ोर देते हुए कहा, “महत्वपूर्ण है कि हम उच्च कीमतों और मजदूरी के साथ सकारात्मक चक्र बनाए रखें ताकि दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।”

निष्कर्ष

जापान के लिए यह ब्याज दर वृद्धि एक बड़े आर्थिक बदलाव का संकेत है। जहां एक ओर यह जापान की बढ़ती मुद्रास्फीति और मजदूरी के सुधार की पुष्टि करता है, वहीं दूसरी ओर यह देश के वित्तीय बाजार की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को भी मजबूती प्रदान करता है। हालांकि, आने वाले समय में इस नीति के प्रभाव को पूरी तरह से समझने के लिए आर्थिक और वित्तीय विशेषज्ञों को निगरानी बनाए रखनी होगी।

यह कदम जापान की अर्थव्यवस्था को नई दिशा में ले जाने की कोशिश का हिस्सा है, और इसका प्रभाव देश के साथ-साथ वैश्विक वित्तीय प्रणाली पर भी गहरा पड़ने की संभावना है।

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